5g क्या है और भारत में 5g लॉन्च तिथि | 5g technology in hindi

By | July 29, 2020

अगर आप इंटरनेट पर 5G technology के बारे में सर्च रहे है- 5g क्या है, भारत मे कब आएगा, इसके क्या फायदे और नुकसान है, क्यों 5G महत्वपूर्ण है, और यह कैसे दुनिया को जोड़ने और संचार करने के तरीके को बदल रहा है तो यहां आपको इस लेख में 5G technology के बारे में बताया गया हैं.

1980 के दशक में, पहली पीढ़ी की तकनीक ने सेलफोन के माध्यम से कम्युनिकेशन को संभव बनाया. आज के समय मे अधिकतर सबके पास स्मार्टफोन है, जो इससे अपने कार्यो को डिजिटल तरीको से उपयोग कर रहे है जैसे सारा Online डेटा ट्रांसफर, बिल्स, गेम्स, मूवीज, शॉपिंग, पढ़ाई इत्यादि, ऐसे में सबको एक अच्छे नेटवर्क और इंटरनेट की स्पीड होना बहुत जरूरी हो गया हैं.

5g क्या है

5g क्या है (5G Technology in Hindi)

अब देखते है 5g क्या है- 5G का फुल फॉर्म है ‘Fifth Generation‘ हैं. यह मोबाइल संचार की पाचवीं पीढ़ी वायरलेस की नयी Cellular Technology है. 5जी 5वीं पीढ़ी का वायरलेस मोबाइल नेटवर्क बनने वाला है, और अब 2020 के बाद 5G का युग है, जो यह लोगों के जीने और काम करने के तरीके को बदलने वाला हैं.

1G, 2G, 3G और 4G नेटवर्क के बाद 5G नेटवर्क विश्व मे एक नया वायरलेस तकनीक बनने जा रहा है. जो 4G के बाद एक बहुत बड़े वायरलेस नेटवर्क (Wireless Network) टेक्नोलॉजी के रूप में दुनिया के सामने आने वाला है. पिछले कुछ वर्षों में जिस टेक्नोलॉजी के बारे में चर्चा हो रही थी, वह चीन, अमेरिका, जापान और यहां तक दक्षिण कोरिया जैसे विभिन्न देशों में 5G काम की शुरुआत हो चुकी हैं.

जैसा कि आप 1G, 2G, 3G and 4G Network का इस्तेमाल कर चुके हैं और अभी 4G LTE नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, 5G नेटवर्क के आने से Internet की स्पीड 4G से 100 गुना हो सकता हैं, जिससे आप अंदाजा लगा सकते है की इसकी स्पीड कितनी फास्ट होगी.

5G नेटवर्क के द्वारा कम से कम 4-5 GB/सेकंड की हाई स्पीड से Data Transfer किया जा सकेगा, जिससे एक अच्छी कनेक्टिविटी मिलेगी और Network Latency (विलम्ब समय) भी बहुत कम होगा. जो किसी बड़े Data को आसानी से Download और Upload किया जा सकता है और इसके द्वारा Technology के क्षेत्रों में बहुत सुधार आएगा.

आने वाले समय मे Internet of Things (IoT), Automation Driving, Virtual Reality, Tele-surgery जैसे और क्षेत्रो में भी हाई स्पीड इंटरनेट की जरूरत पड़ने वाली हैं. अभी तक 4G नेटवर्क में आप 4k videos ही देख सकते थे लेकिन इसके आने के बाद हाई क्वालिटी 8k videos आसानी से देख सकते है और बेहतर graphics quality गेम भी खेल पाएंगे.

5G Technology के आधार

5G टेक्नालजी के 5 तकनीक आधार होते हैं-

  1. मिलीमीटर वेव (millimeter wave)
  2. छोटे सेल्स (small cells)
  3. मैसिव मिमो (Massive MIMO-multiple input multiple outputs)
  4. बेम्फोर्मिंग (Beamforming)
  5. फुल डुप्लेक्स (Full-Duplex)

1. मिलीमीटर वेव (Millimeter Wave)

मिलीमीटर वेव 5g बहुत बड़ी मात्रा मे डाटा इन्फॉर्मेशन रखता हैं. मिलीमीटर तरंगों को 4G LTE के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 6 GHz गीगाहर्ट्ज से कम बैंड की तुलना में मिलीमीटर तरंगों को 30 से 300 GHz (गीगाहर्ट्ज) के बीच की आवृत्ति पर प्रसारित किया जाता है. आने वाला नया 5G नेटवर्क बहुत बड़ी मात्रा में डेटा संचारित करने में सक्षम होंगे.

2. छोटे सेल्स (Small Cells)

Small Cell पोर्टेबल के छोटे बेस स्टेशन होते हैं जिन्हें चलाने लिए कम से कम बिजली की जरूरत होती है. सिग्नल रेंज को कम होने से रोकने के लिए स्पीड सेल का इंस्तेमाल किया जाता है इसलिए मेन टावर से सिग्नल को प्रसारित करने के लिए पूरे क्षेत्र मे हजारो की मात्रा मे छोटे सेल टावर लगाए जाते हैं और इन छोटे टावर के बीच की दूरी 250 मीटर या इससे अधिक होती हैं जिससे यूसर्स बिना किसी दिक्कत के अच्छी 5G सिग्नल मिल सके.

3. मैसिव मिमो (Massive MIMO-Multiple Input Multiple Outputs)

MIMO वायरलेस एक ऐसा सिस्टम होता है जो एक साथ अधिक डेटा को भेजने और प्राप्त करने के लिए दो या अधिक ट्रांसमीटर और रिसीवर का इस्तेमाल करता है. MIMO 100 से ज्यादा एंटीना को एक साथ सपोर्ट करता हैं जो अधिक ट्रेफिक होने पर टावर की क्षमता को बढ़ाता हैं जिसके सहारे यूसर्स को 5G सिग्नल आसानी से पहुचाया जाता हैं.

4. बेम्फोर्मिंग (Beamforming)

Beamforming एक ट्रेफिक सिग्नल प्रणाली है जो विशेष उपयोगकर्ता के लिए सबसे बेहतर डेटा-डिलीवरी पथ की पहचान करता है और यह प्रक्रिया में आस-पास के यूजर्स के लिए हस्तक्षेप को कम करता है.

5. फुल डुप्लेक्स (Full-Duplex)

Full Duplex कम्युनिकेशन वायरलेस कम्युनिकेशन की गति को संभावित रूप से दोगुना करने का एक रास्ता है. फुल डुप्लेक्स एक समान फ्रिक्वेन्सी बैंड मे एक साथ डाटा को ट्रांसमीट और प्राप्त करने मे मदद करता हैं जो दोनों तरफ से समान ट्रेफिक भेजता हैं.

मोबाइल वायरलेस फोन जेनेरेशन

मोबाइल फोन जेनेरेशन

मोबाइल वायरलेस नेटवर्क की पिछली जेनेरेशन 1G , 2G, 3G और 4G कुछ इस प्रकार से थे.

1G (First Generation) यह पहली जनरेशन सन 1990 में आयी थी जो एनॉलोग सिग्नल पर आधारित था इसका इंटरनेट स्पीड 2.4 kbps था.

2G (Second Generation)- यह तकनीक डिजिटल सिग्नल के साथ GSM/CDMA पर आधारित था. इस जनरेशन में डिजिटल कॉल, SMS और MMS जैसे फीचर्स आये, इसकी इंटरनेट स्पीड लगभग 64 kbps थी.

2.5G और 2.75G- 2G के कुछ साल बाद 2.5 और 2.75 आया जो डेटा इंटरनेट सेवाओं (GPRS और EDGE) में कुछ सुधार आया.

3G (Third Generation)- इस जनरेशन में डिजिटल वॉइस के साथ 2G से फास्ट मोबाईल इंटरनेट डेटा भी मिलने लगा.

4G (Fourth Generation)- इस जेनेरेशन मे MIMO और LTE technology मोबाइल ब्रॉडबैंड के युग की शुरुआत हुई. 5जी की इंटरनेट डेटा की स्पीड 3G से 10 गुना फास्ट हुई जिसकी अपलोड स्पीड 5 से 12 Mbps और डाउनलोड स्पीड 2 and 5 Mbps तक हैं.

भारत में 5g लॉन्च तिथि (5G Launch Date in India Hindi)

जब भारत में 4G लॉन्च हुआ था तब 3G मोबाइल फोन्स को बदलकर नया 4G फोन्स लेना पड़ा था और मोबाइल नेटवर्क में काफी बड़ा बदलाव किया गया था, हो सकता है 5G के लिये भी कुछ इस तरह हो, भारत में अभी तक 5G नेटवर्क नहीं है और पिछड़े क्षेत्रो मे 5g क्या है के बारे मे अभी तक नहीं जानते हैं, लेकिन इस नेटवर्क के स्मार्टफोन लॉन्च होने लगे है. इंडिया मे पहला 5G स्मार्टफोन की लौंचिंग की शुरुआत चीन की स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी रियलमी (Realme) ने स्मार्टफोन Realme X50 Pro 5G के साथ की हैं.

5g आने पर सबसे पहले ज्यादा बदलाव बड़े शहरों और मेट्रो सिटी में होंगे, क्योंकि नयी तकनीक का इस्तेमाल सबसे पहले बड़े शहरों में होता हैं साथ ही वो ही इसकी कीमत भी चुका सकते हैं. भारत में 5G नेटवर्क को वर्ष 2021 के अंतिम महीने या 2022 में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है.

बीएसएनएल(BSNL) 2020 में 5G सेवाओं को लॉन्च करने के लिए Nokia, Coriant और ZTE जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ काम कर रहा है. सार्वजनिक क्षेत्र की Telecom कंपनी, भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) विश्व स्तर पर अपनी इस नये नेटवर्क सेवाओं को चालू करने की योजना बना रही हैं.

सरकार ने हाल ही में कहा है कि वह 5G सेवाओं के लिए एयरवेव स्पेक्ट्रम को नीलामी आयोजित करने की योजना बना रही है जहाँ यह 4G और 5जी दोनों एयरवेव्स स्पेक्ट्रम की नीलामी करने वाली है जिसमे 3,300 से 3,400 MHz (मेगाहर्ट्ज) और 3,425 से 3,600 MHz (मेगाहर्ट्ज) बैंड के बीच 275 MHz (मेगाहर्ट्ज़) रेडिओवेव्स आवृत्ति 5जी की नीलामी के लिए उपलब्ध है. अगर 5जी एयरवेव (Spectrum) नीलामी हो जाता है तो Jio, Airtel, और Vodaphone कंपनियो के बीच दौड़ शुरू हो जाएगी.

5G के फायदे क्या है (Advantages of 5G Technology in Hindi)

आपको पता चल गया की 5g क्या है और कब भारत मे लॉंच हो रहा हैं, अब यहा आपको 5G से होने बाले निम्न फायदे के बारे में बताने बाले हैं.

  • हाई इंटरनेट स्पीड- वर्तमान समय में 4G नेटवर्क से एक गीगाबाइट (1GB) प्रति सेकंड की स्पीड से डाउनलोड करने में सक्षम है. 5G के साथ इस स्पीड को 10 गीगाबाइट प्रति सेकंड तक बढ़ाया जा सकता है जो उपयोगकर्ता को बेहतर अनुभव प्रदान करेगा इसमे डाउनलोड और अपलोड की गति भी अधिक होगी.
  • अल्ट्रा-लो-लेटेंसी- लेटेंसी मतलब वो समय होता है जो एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस तक एक data packet को भेजने में समय लगता है. 4G में लेटेंसी प्रति 50 milliseconds है जबकि 5G में 1 millisecond तक हो सकती है, जो ये रियल टाइम अनुभव होगा.
  • अच्छी कनेक्टिविटी- इस टेक्नोलॉजी की मदद से इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स (IoT) और अन्य जैसी टेक्नालजी के समायोजन के लिए प्रयोगकर्ता के अनुसार हाई बेंड्विड्थ प्रदान करेगा. आज के समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तेजी से विकसित हो रहा है जिस में 5G इंटरनेट की बड़ी स्पीड की जरूरत होगी.
  • 5जी technology का उपयोग GDP में वृद्धि, रोजगारों मे वृद्धि तथा अर्थव्यवस्था को डिजिटली तरीके से और मजबूत बनाने में सहायता होगा.
  • 5g तकनीक की मदद से Remotely Medical Treatment आसानी से किया जा सकता है, जिससे डॉक्टर किसी दूसरे मरीज को वो किसी भी रिमोट लोकेशन मे हो उसे इस technology से ठीक किया जा सकता हैं.
  • 5G टेक्नोलॉजी से लैस मोबाइल टॉवरों की क्षमता 4G LTE से अधिक होगी. इसका मतलब है कि ज्यादा लोग और अधिक उपकरण एक ही समय में बात करने में सक्षम होंगे.
  • 5जी टेक्नोलॉजी के माध्यम से अंतरिक्ष, गैलेक्सी और दूसरे ग्रह को अच्छे से देखने में बहुत आसानी होगी और भूकंप, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बारे में पहले से ही पता लगाने में सक्षम होगा.

5G के नुकसान क्या है (Disadvantage of 5G Technology in Hindi)

  • अभी तक 5g टेक्नोलॉजी में जो स्पीड प्रदान करने की बात की जा रही है उसे प्राप्त करना मुश्किल लगता हैं.
  • 5G स्मार्टफोन अभी महंगे मिलेंगे. इसलिए इस टेक्नोलॉजी को आम आदमी के पास पहुचने में समय लगेगा.
  • 5G नेटवर्क को बहुत सारे पुराने डिवाइस इस टेक्नोलॉजी को सपोर्ट नही करेंगे जिससे उनके पुराने डिवाइस को बदलना होगा फिर आपको नया मोबाइल लेना पड़ेगा.
  • इस टेक्नोलॉजी में सेक्युरिटी और प्राइवेसी से रिलेटेड अभी भी प्रॉब्लम है जिन्हें अभी तक हल नहीं किया गया हैं.
  • 5G पर चलने वाले फोन में बड़ी बैटरी जल्द ड्रेन/हीट हो सकता है. अगर 5जी कनेक्शन चलाने वाले सिंगल चार्ज पर आपके फोन को पूरा दिन चलाना है तो बेहतर बैटरी तकनीक की जरूरत होगी.
  • 5G नेटवर्क के टावर्स बहुत ही आस-पास होंगे, इन टावर्स से निकलने वाली Radiation Energy बहुत ज्यादा होंगी जो इंसानो को स्किन प्रॉब्लम, मेमोरी लॉस या अन्य बीमारियां हो सकती हैं.
  • रिसचर्स का मानना है की 5g नेटवर्क के आने से हैकर 5g radio waves के जरिये यूज़र्स के निजी डेटा को आसानी से चुरा सकते है जिससे हैकिंग के कई मामले भी बढ़ सकते हैं.

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