What is Cache Memory in Hindi? | कैश मेमोरी क्या है तथा पूरी जानकारी

By | December 17, 2022

नमस्कार दोस्तो, आप सभी का स्वगात है, आज के समय में कंप्यूटर का उपयोग काफी अधिक बढ़ गया है, और आज के समय मे कंप्यूटर से सम्बंधित जानकारी के बारे में सभी जानना चाहते है, ऐसे में आज हम आपको विस्तार से बतायेंगे कि कैश मेमोरी क्या है? (What is Cache Memory In Hindi) और कैश मेमोरी कितने प्रकार के होते है? (Types of Cache Memory In Hindi) व कैसे Cache Memory हमारे कंप्यूटर CPU की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है आदि के बारे में आज हम जानकारी बतायेंगे, तो चलिए हम कैश मेमोरी की जानकारी को विस्तार से जानते है।

What is Cache memory in Hindi | Tech Karya

सरल शब्दों में कहे, कैश डेटा को ब्लॉक मेमोरी मे स्टोर करने के लिए प्रयोग किया जाता हैं जों डेटा अक्सर बार-बार इस्तेमाल होता हैं। Hard Drive और CPU अक्सर कैश का इस्तेमाल करते हैं, जैसे वेब ब्राउज़र और वेब सर्वर करते हैं। समान्यतः आप अधिकतर इन मेमोरी का नाम सुने होंगे जैसे RAM, ROM (Internal storage) और External Storage (SD Card) परंतु Cache भी एक प्रकार की मेमोरी होती हैं, जों एक बहुत उच्च स्पीड वाली मेमोरी होती है।

अक्सर आपने देखा होगा कि cache memory भर जाने के कारण आपका स्मार्टफोन, कम्प्युटर हैंग करने लगता है या स्लो हो जाता है इसलिए समय-समय पर cache memory को क्लियर करना पड़ता हैं। तो चलिए देखते है की “cache memory kya hota hai” इसके बारें में पूरी जानकारी बताते हैं।

Cache Memory Meaning in Hindi

Cache को हिंदी में “कैश” पढ़ा जाता है तथा इसको हिंदी में कैश के नाम से pronounce करते है। कैश मेमोरी एक छोटे आकार की अस्थिर कंप्यूटर मेमोरी है जो एक प्रोसेसर को हाई-स्पीड डेटा एक्सेस प्रदान करने मे मदद करती है और अक्सर इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर प्रोग्राम, एप्लिकेशन और डेटा को स्टोर करती है, जिससे CPU द्वारा तीव्र गति से एक्सेस कर सके। कंप्यूटर में बहुत तरह की caching का इस्तेमाल होता है जिससे वह CPU की एक्सेस करने की अधिक दक्षता (efficiently) और परफॉर्मेंस को बढ़ा सके।

कैश मेमोरी क्या है (What is Cache Memory in Hindi)

Cache Memory एक तरह का हाई स्पीड सेमीकंडक्टर कंप्यूटर मेमोरी होता है, जिसका प्रयोग CPU की स्पीड एवं परफॉरमेंस को बढ़ाने के लिए आज के समय मे किया जाता है, तथा कैश मेमोरी PrimarySecondary Memory की तुलना में थोड़ा महंगा होता है, पर यह उस दोनों से काफी बेहतरीन होता है, तथा यह सीपीयू एवं स्टोरेज डिवाइस के प्राइमरी मेमोरी के मध्य बफर के रूप में कार्य करने का प्रयास करता है।

आपको बता दे कि इसका प्रयोग डेटा व प्रोग्राम के उन हिस्सों को रखने के लिए किया जाता है जो सीपीयू द्वारा सबसे ज्यादा बार प्रयोग में लाया जाता है, और ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा CPU प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक डेटा एवं प्रोग्राम के हिस्सों को डिस्क से प्राइमरी मेमोरी में फिर प्राइमरी मेमोरी से कैश मेमोरी में ट्रांसफर किया जाता है, और जहां से सीपीयू उसे आसानी से एक्सेस कर लेता है। अब यदि सीपीयू को कैश मेमोरी में वह सभी डेटा मिल जाता है तब सीपीयू उस डेटा को लेकर अपना प्रोसेस आगे बढ़ाता है तथा यदि डेटा सही से नहीं मिल पता है तब सीपीयू उस डेटा को RAM या फिर प्राइमरी मेमोरी में ढूंढ़ता है जहाँ पर ज्यादातर टाइम डेटा मिलने की सम्भावना रहता है। और Cache Memory सीपीयू के मुख्य मेमोरी से डेटा एक्सेस टाइम को कम करने का कार्य करता है, जिससे सीपीयू की काम करने की क्षमता काफी बढ़ जाता है।

मुख्य रूप से कैश मेमोरी एक छोटे आकार की चिप-आधारित कंप्यूटर मेमोरी होता है, जो कि मुख्य मेमोरी से काफी तेज गति से काम करता है, तथा इसे कभी-कभी सीपीयू मेमोरी भी हम कहते है, क्योंकि यह सीपीयू चिप के बहुत करीब रहता है, और तथा कैश मेमोरी एक टेम्पररी मेमोरी है जो कि काफी फ़ास्ट एवं महंगा होता है।

कैश मेमोरी के प्रकार (Types of Cache Memory in Hindi)

कैश मेमोरी को मुख्य तौर पर दो निम्न भागों में वर्गीकृत किया गया है:

Primary Cache

प्राइमरी कैश मेमोरी प्रोसेसर के चिप पर मौजूद होता है। इसका आकार बहुत छोटा होता है और इसका एक्सेस समय लगभग प्रोसेसर रजिस्टरों के समान ही होता है।

Secondary Cache

सेकेंडरी कैश को primary cache और कंप्यूटर सिस्टम की main memory के बीच में रखा जाता है। इसे L2 (लेवल 2) cache कहा जाता हैं। अधिकांश समय L2 cache को प्रोसेसर चिप पर ही रखा जाता है, लेकिन ये एक अलग चिप पर भी स्थित किया जा सकता है।

कैश मेमोरी के लेवल (Levels of Cache Memory in Hindi)

यदि हम CPU के अनुसार से कैश मेमोरी को समझने का प्रयास कर रहे है तब हम सभी को यह पता होना चाहिए की CPU जिसे Microprocessor भी कहा जाता है, उसके अंदर Cache Memory उपलब्ध रहता है और जो प्रोसेसर को फ़ास्टली डेटा प्रदान करने का कार्य करता है। CPU में कोर के अनुसार कैश मेमोरी उपलब्ध होता है जिसका अर्थ होता है CPU के अंदर जितनी कोर मौजूद होता है, उन सभी कोर के लिए विभिन्न कैश मेमोरी उपलब्ध रहता है, तथा यह कैश मेमोरी भी तीन अलग-अलग लेवल में बंटा रहता है, जिसे L1, L2, L3 (L=Level) कहते है, और यहाँ तक की किसी Server CPU में L4 भी पाया जाता है, और इन सभी अलग-अलग Level के कैश मेमोरी की Speed भी अलग-अलग रहता है।

1. L1 Cache

L1 cache एक प्रकार की मेमोरी है जो CPU chip में ही निर्मित होती है। यह आमतौर पर सबसे फ़ास्ट कैश मेमोरी होती है। परंतु CPU में इसकी Size बहुत ही कम रहता है और कुछ ही KB मे जिसकी Speed RAM से भी 100 गुना ज्यादा होता है। इस cache memory का आकार 2KB – 64KB होता हैं।

2. L2 Cache

L2 Cache Memory L1 से थोड़ा स्लो होता है, पर L3 से Fast रहता है, परंतु इसकी Size L1 से ज्यादा होता है। इस cache memory का साइज 256KB – 512KB होता हैं

3. L3 Cache

L3 cache सभी कैश मेमोरी में सबसे बड़ा है, L3 Cache Memory L2 से भी स्लो रहता है, परंतु इनकी साइज दोनों से ज्यादा रहती है, इसकी साइज MB में होता है और यह सभी Core के लिए अलग-अलग नहीं बल्कि यह Shared होता है अर्थात एक ही L3 Cache Memory सभी कोर को शेयर किया गया रहता है। इस cache memory का आकार 1MB – 8MB तक होता हैं।

कैश मेमोरी कैसे कार्य करता है (How does cache memory work with CPU)

जब कभी भी CPU को प्रोसेसिंग करते समय किसी भी तरह का डेटा की जरुरत पड़ता है, तब CPU सबसे पहले उस डेटा को level 1 cache memory में ढूंढ़ता है, फिर यदि CPU को वो डेटा level 1 cache memory में नहीं मिलता है तब CPU उस डेटा को ढूढने के लिए दूसरा रास्ता निकालता है, और L2 cache मेमोरी में ढूंढ़ता है फिर यदि इसमें भी required डेटा नहीं मिलता है तब CPU उस डेटा को L3 cache मेमोरी में ढूंढ़ता है, इस तरह से CPU डेटा सर्च करता है।

यदि CPU को किसी भी कैश मेमोरी में वह डेटा मिल जाता है तब इसे हम cache hit कहते है एवं यदि डेटा किसी भी cache मेमोरी में नहीं मिलता है तब हम इसे cache miss कहते है। यदि CPU को किसी भी Cache में डेटा नही मिलता है तब ऐसे में CPU उसे प्राइमरी मेमोरी में सर्च करता है तथा CPU को डेटा यदि वहां भी वहां नहीं मिलता है तब CPU सेकेंडरी मेमोरी में उस डेटा को ढूंढ़ता है, और जहाँ से किसी भी तरह से CPU को required डेटा आसानी से मिल ही जाता है।

हम जब पहली बार कंप्यूटर शुरू करते है या फिर पहली बार कोई एप्लिकेशन ओपन करते है तब कैश मेमोरी या रैम में डेटा उपलब्ध नहीं होता है, और इस स्थिति में सीपीयू को हार्ड डिस्क ड्राइव से सीधे डेटा मिलता है। लेकिन जब एक बार कोई प्रोग्राम ओपन हो जाता है तब बाद में आप जब भी आप अपने कंप्यूटर शुरू करते हैं या फिर कोई एप्लिकेशन ओपन करते है तब सीपीयू उस डेटा को कैश मेमोरी या रैम से प्राप्त कर सकता है।

कैश मेमोरी में हिट रेशियो क्या है (What is hit ratio in cache memory performance)

Cache memory की दक्षता (efficiancy) जानने के लिए एक रेशियो अनुपात का इस्तेमाल किया जाता है जिसे हिट अनुपात या हिट रेशियो कहते हैं।

जब CPU प्रोसेसिंग के दौरान कैश में डेटा को खोजता है तब उसे main memory से डेटा को read या write करने की आवश्यकता होती हैं। इस कंडीशन में, इसके दो मामले निम्नानुसार हो सकते है-

  • पहला, यदि CPU को कैश में वह डेटा मिल जाता है, तो उसे कैश हिट (cache hit) कहते है और वह कैश से डेटा read कर लेता है।
  • वहीं दूसरी ओर, यदि उसे कैश में वह डेटा नहीं मिलता है, तो कैश मिस (cache miss) कहते है। इसके अलावा, कैश मिस होने के दौरान, कैश डेटा को main memory में एक्सेस करने की अनुमति देता है और तब सीपीयू main memory से डेटा को read करता हैं।

इसलिए, हम हिट रेशियो (Hit Ratio) को हिट और मिस के योग से विभाजित करके हिट की संख्या के रूप में परिभाषित कर सकते हैं।

hit ratio = total hit / total(hit + miss)

अथवा

hit ratio = total number of hits / total accesses

जहाँ total accesses = total hit + total miss

तथा total accesses = CPU द्वारा एक्सेस किये गए कुल डेटा की संख्या।

total hit = CPU द्वारा एक्सेस किये गए कुल डेटा की संख्या, जो कैश मेमोरी से प्राप्त हुआ हैं।

total miss = CPU द्वारा एक्सेस किये गए कुल डेटा की संख्या, जो cashe memory से प्राप्त न होकर बल्कि main memory से प्राप्त हुआ हैं।

कैश मेमोरी के उपयोग (Use of Cache Memory in Hindi)

• सीपीयू किसी भी डाटा को एक्सेस करने के लिए कैश मेमोरी के द्वारा ही मुख्य मेमोरी में एक्सेस करने का कार्य करता है।

• कैश मेमोरी बहुत फ़ास्ट और छोटी साइज की मेमोरी होती है जो आमतौर पर CPU पर इस्तेमाल होती हैं। कैश मेमोरी को RAM की अपेक्षा काफी फ़ास्ट एक्सेस करता हैं।

• कैश मेमोरी का इस्तेमाल frequently इस्तेमाल होने वाले डेटा या संचालन को होल्ड करने के लिए किया जाता है ताकि CPU कैश मेमोरी द्वारा किसी भी डाटा को आसानी से रीड कर सकता हैं।

• ये RAM की अपेक्षा CPU के पास मौजूद होता है तथा RAM और CPU के बीच स्थित रहता है। इसकी सीपीयू की तरह बोर्ड पर काफी तेज read/write स्पीड होती हैं।

• कैश मेमोरी का इस्तेमाल एवरेज मेमोरी एक्सेस समय को कम करने के लिए किया जाता है।

• ये frequently इस्तेमाल होने वाले डेटा को स्टोर करता है जिसे Main memory के एड्रेस में अक्सर एक्सेस करता है। इसीलिए सीपीयू डेटा को तेज़ी से एक्सेस करने की अनुमति देता है।

कैश और रैम के बीच अंतर (Difference Between RAM and Cache Memory in Hindi)

Cache Memory :
• कैश कंप्यूटर का एक घटक है जो डेटा को स्टोर करता है ताकि उस स्टोर डेटा को निर्देश होने पर CPU द्वारा तेजी से एक्सेस किया जा सके।
• Cache मेमोरी का साइज़ कम होता है।
• यह RAM की तुलना में महंगा होता है।
• ये CPU द्वारा लगातार उपयोग किए जाने वाले डेटा को होल्ड करके रखता हैं।
• यह RAM की तुलना मे अधिक फास्ट होता हैं।
• Cache मेमोरी का कार्य CPU की एक्सेस स्पीड को बढ़ा देती है।
• CPU कैश मेमोरी को read करने के बाद RAM डेटा को read करता है।
• आमतौर पर यह आंतरिक भाग होता है।
• कैश के प्रकार-
1. L1 (स्तर 1) कैश या प्राथमिक कैश
2. L2 (स्तर 2) कैश या सेकेंडरी कैश
3. L3 (स्तर 3) कैश

RAM :
• RAM कंप्यूटर मे अस्थायी मेमोरी है जो डेटा स्टोरेज का ही एक रूप है यह करेंट समय में उपयोग हो रहे डेटा और मशीन कोड को स्टोर
करता है।
• RAM का आकार बड़ा होता है।
• RAM भी महंगा होता है लेकिन कैश जितना महंगा नहीं है।
• ये प्रोग्राम और डेटा होल्ड करके रखता हैं जो वर्तमान में CPU द्वारा निष्पादित (executed) किए जाते हैं।
• यह कैश की तुलना में फास्ट नहीं है।
• RAM हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, कॉम्पैक्ट डिस्क, या किसी भी प्रकार के सेकेंडरी स्टोरेज मीडिया से अधिक फास्ट होता है।
• CPU रैम डेटा को read करने से पहले Cache मेमोरी डेटा को read करता है।
• यह आंतरिक और बाह्य दोनों भाग में हो सकता है।
• RAM के प्रकार-
1. स्टेटिक रैम (SRAM)
2. डायनेमिक रैम (DRAM)

What happens if I delete my cache memory in hindi?
क्या होगा जब कैश मेमोरी क्लियर कर दे?

जब आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर डिवाइस में कैश क्लियर करते हैं तो आपका कंप्यूटर आपके डिवाइस पर आपके द्वारा बार-बार किये जाने वाले सभी कार्यों को डिलीट कर देता है यानी जो डेटा आपके डिवाइस की ब्राउज़िंग कैश मेमोरी में स्टोर रहता हैं, वो डिलीट हो जाता हैं। जब आप पहली बार किसी नई वेबसाइट पर जाते है या ऐप खोलते है या उसमें क्रेडेंशियल बनाते हैं तो आपके ब्राउज़र में ऑटोमेटिक वह क्रेडेंशियल डेटा सेव हो जाता हैं। इसके बाद जब भी आप उन वेबसाइटों या ऐप को फिर से एक्सेस करते हैं तो आपका डिवाइस फिर से उस सेव डेटा को डाउनलोड करके तुरंत एक्सेस करना शुरू कर देता हैं।

यदि आप चाहते है कि आपका लॉगिन, क्रेडेंशियल डिटेल्स, बैंक डिटेल्स, पासवर्ड आदि जैसी डेटा डिलीट न हो तो आप इसे सेलेक्ट कर सकते हैं, इसके अलावा डिवाइस पर बाकी डेटा ब्राउज़र पर एक्सेस की गयी वेबसाइट की Cache Memory को क्लियर कर सकते है। आपको कैश डेटा मिटाने की आवश्यकता तब पड़ती है जब आपके device में जगह कम पड़ रही हो या ये device सामान्य से धीमी स्पीड से चल रहा हो।

इसके अलावा जब आप अपना डिवाइस बेच रहे हैं या उपयोगकर्ता बदल रहे हैं तो यह प्रक्रिया काम आ सकता है जिसमें आपके पासवर्ड और संवेदनशील डिटेल्स सहित सभी कैश मेमोरी को क्लियर करने की आवश्यकता पड़ सकती हैं। अगर आप कैश मेमोरी क्लियर करते है तो ये केवल उस समय के लिए temporary क्लियर होता है। कैश स्टोरेज क्षमता को कम से कम रखने के लिए नियमित रूप से क्लियर करने की आवश्यकता पड़ती हैं।

कैश मेमोरी के लाभ (Advantages of Cache Memory in Hindi)

वर्तमान समय मे कैश मेमोरी के लाभ निम्न है-

• वर्तमान में प्राइमरी मेमोरी तथा सेकेंडरी मेमोरी के मुकाबले में कैश मेमोरी काफी फ़ास्ट रहता है।
• यह सीपीयू द्वारा बार-बार प्रयोग में लाये जाने वाले प्रोग्राम का सभी डेटा तथा निर्देश को स्टोर करता है, और इससे CPU की परफॉरमेंस में बढ़ोतरी हो जाता है।
• कैश मेमोरी का डेटा access time प्राइमरी मेमोरी से बहुत कम रहता है।

कैश मेमोरी के नुकसान (Disadvantages of Cache Memory in Hindi)

कैश मेमोरी का हानि निम्न है-

• ये Primary memory एवं Secondary Memory की तुलना में काफी ज्यादा महंगा होता है।
• इसमें स्टोरेज क्षमता काफी काम रहता है।
• इसमे डेटा अस्थायी रूप से स्टोर होता है।
• कंप्यूटर बंद होते ही नस्ट हो जाता है और इसमें स्टोर डाटा समाप्त हो जाता है।

निष्कर्ष:

हाँ तो दोस्तों आशा करता हु की आपको इस पोस्ट मे, कैश मेमोरी क्या है (What is Cache Memory in Hindi), cache memory in hindi meaning, कैश मेमोरी के प्रकार, कैश मेमोरी के उपयोग, कैश मेमोरी कैसे कार्य करता है तथा कैश और रैम मेमोरी के बीच अंतर क्या है, इत्यादि के बारे मे पूरी जानकारी मिली होंगी जिसे पढ़कर आपको पसंद आया होगा।

यदि आपको ये पोस्ट, कैश मेमोरी की जानकारी (Cache memory kya hai) पसंद आया हो या कुछ सीखने को मिला हो तो तो आप हमको कमेंट करके बता सकते हैं जिससे हमे प्रेरणा मिलेगी। आपके सलाह व सुझावों का हमेशा स्वागत रहेगा। दोस्तो इस ब्लॉग को अपने दोस्तो या सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें, धन्यवाद!

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