अब हम लोग ऐसे युग मे रह रहे है जहां हमे लगातार इंटरनेट कनेक्टिविटी की मांग रहती है। स्मार्टफोन ने संचार-व्यवस्था में एक क्रांति ला दी है, चाहे वो वैश्विक स्तर पर कहीं भी किसी को फोन कॉल करना हो,एक क्लिक में कहीं भी पैसे भेजना हो, दुनिया के किसी भी हिस्से से दूरस्थ कार्य करना हो, ऑनलाइन देश-दुनिया के बारे मे खबरें जाननी हो और भी बहुत कुछ, हम 24/7 इंटरनेट का उपयोग करते हैं।
हालाँकि, इंटरनेट इस्तेमाल से साइबर अपराध की दरें भी काफी तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे ऑनलाइन सर्फिंग के कारण आपकी निजी जानकारीयां असुरक्षित होने से हैकर आपकी डाटा को चुरा सकते हैं। अगर आप भी इंटरनेट पर अपनी प्राइवेसी को लेकर परेशान रहते हैं आपकी पर्सनल जानकारियां किसी हैकर के हाथ न लग जाए जैसे ईमेल्स, बैंकिंग डाटा, ऑनलाइन शॉपिंग और बिल पेमेंट इत्यादि को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो इसके लिए वीपीएन (VPN) उपलब्ध है। जी हां लेकिन ये वीपीएन क्या है, इसका उपयोग क्या है, कैसे काम करता है, वीपीएन के फायदे और नुकसान क्या है, इत्यादि की सारी जानकारी इस वीपीएन ब्लॉग के जरिये मिल जाएगी। तो चलिये नीचे देखते है की VPN kya hota hai?
वीपीएन का फुल फॉर्म (VPN Full Form in Hindi)
वीपीएन (VPN) का फुल फॉर्म वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (Virtual Private Network) होता है। इसका मतलब है की ये आपके ऑनलाइन प्राइवसी और इंटरनेट कनेक्शन को प्रोटेक्ट करके रखता है। VPN पब्लिक इंटरनेट कनेक्शन से एक प्राइवेट नेटवर्क बनाता हैं। ये आपके इंटरनेट ट्रैफ़िक को एन्क्रिप्ट करके आपकी ऑनलाइन आईपी एड्रैस पहचान को हाईड कर देता है जिससे आप पब्लिक वाई-फाई हॉटस्पॉट का सुरक्षित रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं।
वीपीएन क्या है (What is VPN in hindi)
आपको बता दे कि वीपीएन (VPN) का पूरा नाम ‘वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क’ होता है, और यह एक ऐसी सेवा है जिसके माध्यम से इंटरनेट में उपयोग किए जाने वाले आपके सम्पूर्ण डाटा को लीक होने से बचाती है तथा आज के समय में इंटरनेट की दुनिया में VPN आपको ऑनलाइन गोपनियता और सुरक्षा प्रदान करता हैं।
सरल शब्दों में कहें वीपीएन आपके आईपी एड्रैस या ऑनलाइन गतिविधियों को छिपाने में मदद करता है जिसके कारण हम किसी थर्ड पार्टी व्यक्ति या हैकर्स से ऑनलाइन खुद को गोपनीय रख पाते हैं।
जब भी आप किसी असुरक्षित वाई-फाई नेटवर्क पर वेब सर्फिंग या फिर ट्रांजैक्शन करते है तो आप अपनी प्राइवेट जानकारी और ब्राउजिंग डाटा को लीक कर सकते है। इससे बचने के लिए VPN यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं।
वीपीएन का उपयोग करने से आपको सुरक्षित नेटवर्क कनेक्शन प्रोवाइड करता है और आपके इंटरनेट ट्रैफिक को एंक्रिप्ट करके आपकी ऑनलाइन एक्टिविटी तथा आईपी एड्रैस आइडेंटिटी को हाइड कर देता है। ऐसे में थर्ड पार्टी के लिए आपकी ऑनलाइन एक्टिविटीज को ट्रैक करना और आपका डाटा चुराना मुश्किल हो जाता हैं जिससे आप सुरक्षित वेब ब्राउज़िंग कर सकते हैं।
ये एक गोपनीय ऐसा टूल है जिसका इस्तेमाल आपको किसी पब्लिक स्थान जैसे मॉल, कॉफी शॉप, मूवी थियेटर, स्टेशन या होटल से इंटरनेट का उपयोग करते समय करना चाहिए।
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वीपीएन के प्रकार (Types of VPN in Hindi)
वर्तमान समय में यदि हम VPN की बात करे तब यह पहले की अपेक्षा अधिक उपयोग होने लगा है। टेक्नोलॉजी और सर्विसेस दोनों के रूप में वीपीएन विभिन्न प्रकार के होते हैं। आज के समय में VPN मुख्यत चार प्रकार के होते है, जो कि निम्न हैं–
1 – रिमोट एक्सेस वीपीएन (Remote Access VPN)
कई बड़ी कंपनीयां अपने नेटवर्क और कर्मचारियो द्वारा इस्तेमाल होने वाले डिवाइसों के बीच एक सुरक्षित कनेक्शन स्थापित करने के लिए रिमोट एक्सेस वीपीएन का उपयोग करती हैं। रिमोट एक्सेस VPN उपयोगकर्ता के डिवाइस और कंपनी के नेटवर्क के बीच एक एन्क्रिप्शन वर्चुअल टनल बनाकर कार्य करती है। यह टनल पब्लिक इंटरनेट के माध्यम से होकर जाती है लेकिन इस माध्यम से भेजे गए ट्रैफिक डेटा को निजी और सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन और सेकुरिटी प्रोटोकॉल द्वारा सुरक्षित होता हैं। जब एक बार डिवाइस वीपीएन से होकर कनेक्ट हो जाता है तो यूजर उस नेटवर्क पर उपलब्ध संसाधनों को सुरक्षित एक्सैस कर सकता हैं।
2 – साइट टू साइट वीपीएन (Site-to-site VPN)
Site-to-site VPN को router-to-router वीपीएन भी कहा जाता है। इस प्रकार का VPN का इस्तेमाल अधिकतर बड़ी कॉरपोरेट कंपनीयों में किया जाता हैं। खासकर जब किसी बड़े कंपनी या फ़र्म के कई अलग-अलग लोकेशन पर हेडक्वार्टर होते हैं तो ऐसे में Site-to-site VPN एक ऐसा नजदीकी इंटरनल नेटवर्क बना देता है जहाँ पर सभी हेडक्वॉर्टर के लोकेशन को एक साथ कनेक्ट किया जा सकता हैं। साइट टू साइट वीपीएन दो मुख्य आधार पर कार्य करते हैं।
इंट्रानेट पर आधारित वीपीएन : जब एक ही कंपनी के कई कार्यालय साइट-टू-साइट वीपीएन प्रकार का उपयोग करके जुड़े होते हैं, तो इसे इंट्रानेट आधारित वीपीएन कहा जाता हैं।
एक्स्ट्रानेट पर आधारित वीपीएन : जब कोई कंपनियां किसी अन्य कंपनी के कार्यालय से जुड़ने के लिए साइट-टू-साइट वीपीएन प्रकार का उपयोग करती हैं, तो इसे एक्स्ट्रानेट आधारित वीपीएन कहा जाता हैं।
3 – मोबाइल वीपीएन (Mobile VPN)
मोबाइल वीपीएन एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क होता है इसका उपयोग आईओएस (iOS) या एंड्रॉइड (Android) जैसे मोबाइल डिवाइसों पर किया जाता है। जो आमतौर पर मोबाइल उपयोगकर्ताओं को सेलुलर नेटवर्क (cellular network) के माध्यम से एक प्राइवेट नेटवर्क जरिये सुरक्षित रूप से कनेक्ट किया जाता हैं।
यदि आप अपने वाई-फाई या सार्वजनिक वाई-फाई से कनैक्ट हों तो ये मोबाइल वीपीएन डिवाइस और वीपीएन सर्वर के बीच एक सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड कनेक्शन स्थापित करता है, जो उस कनेक्शन पर डेटा की सुरक्षा करता हैं। जब उपयोगकर्ता अलग-अलग नेटवर्क कनेक्शन पर स्विच करता है,जैसे कि वाई-फाई से मोबाइल सेलुलर डेटा या विभिन्न वाई-फाई हॉटस्पॉट के बीच कनैक्ट होता है तो उपयोगकर्ता का निजी डाटा उस नेटवर्क पर असुरक्षित हो सकता है जिस कारण इससे बचने के लिए मोबाइल वीपीएन का इस्तेमाल किया जाता हैं।
4 – पर्सनल वीपीएन (Personal VPN)
पर्सनल वीपीएन का इस्तेमाल पर्सनल उपयोग के लिए होता है। आमतौर पर उपयोगकर्ता द्वारा अपनी ऑनलाइन प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिए उपयोग किया जाता हैं। जब उपयोगकर्ता पर्सनल वीपीएन के जरिए इंटरनेट से कनेक्ट होता है, तो इंटरनेट ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट किया जाता है जिससे आप कही से भी वेब ब्राउज़ करते है तो आपका आईपी एड्रेस छिप जाता है। इस तरीके से आप अपनी ऑनलाइन गतिविधियों को अपने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर, हैकर्स और विज्ञापनदाताओं सहित अन्य लोगों की नज़रों से बच सकते हैं। पर्सनल वीपीएन उपयोग करने के लिए आपको वीपीएन सर्विस का सब्सक्रिप्शन लेना पड़ता हैं।
वीपीएन काम कैसे करता है (VPN work in hindi)
हम जो मोबाइल फोन या कंप्यूटर सिस्टम उपयोग करते है उसका एक IP address होता है, जिससे हमारे मोबाइल या कंप्यूटर का लोकेशन पता चलता है, और आज के समय में हम जैसे ही किसी वेब ब्राउजर में वेबसाइट के सर्च करते है तब वेबसाइट के सर्वर के पास हमारा IP Address चले जाता है और इसी तरह से सर्वर को हमारे सिस्टम का लोकेशन पता चल जाता है कि हम कहां से सर्च कर रहे है, और IP को वेरिफाई करने बाद वह सर्वर अपना डाटा हमारे डिवाइस में भेज देता है, वह अब इस कनेक्शन में किसी तरह से सिक्योरिटी नही होता है, ऐसे में VPN इंटरनेट पर हम जो भी काम करते है उसे आज के समय में सिक्योरिटी प्रदान करता हैं।
वर्तमान समय में हम VPN का उपयोग करने इंटरनेट में जो रिस्ट्रिक्शन लगे हुए उसे भी आसानी से एक्सेस कर सकते है, इसका मतलब होता है कि जिस वेबसाइट को हमारे देश ने ब्लॉक लिया है उसे भी हम आसानी से देख सकते हैं, और एक्सेस कर सकते हैं, और दो टेक्नोलॉजी के माध्यम से VPN कनेक्शन को कनेक्ट किया जाता है, जिससे डाटा पब्लिक नेटवर्क को सुरक्षित तरीके से ट्रांसमिट करने की सुविधा मिलता है, इस तरह से हम आज के समय में इसके साथ By Tunneling और by encription का उपयोग करके VPN का उपयोग करते हैं।
वीपीएन का उपयोग क्यों करना चाहिए (Why we use VPN in hindi)
यहा पर हम बात करने वाले है की वीपीएन का उपयोग क्यों करना चाहिए, जब आप इंटरनेट का इंस्तेमाल करते हैं, तो आपके द्वारा सर्च किया गया डाटा की जानकारी प्राइवेट नहीं होती है क्योकि इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) आपके ट्रैफ़िक डाटा पर नज़र रखता है जबकि इससे हमे कोई नुकसान नहीं है। परंतु कभी-कभी ये आपका प्राइवेट इन्फॉर्मेशन किसी थर्ड पार्टी विज्ञापन कंपनियों को बेच देते है। जिस कारण वो असुरक्षित, गैर-निजी नेटवर्क का उपयोग करने से साइबर अटैकर और हैकर्स आपके निजी डाटा को चुराकर गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। इसीलिए VPN आपकी प्राइवसी और ऑनलाइन सुरक्षा करके इन समस्याओं से बचाता हैं।
आप वीपीएन द्वारा कही भी अपने इंटरनेट कनैक्शन या सार्वजनिक वाईफाई का सुरक्षित इस्तेमाल कर सकते है, चाहे आप किसी पब्लिक स्थान जैसे मॉल, कॉफी शॉप, मूवी थियेटर, हवाई अड्डे, स्टेशन या होटल कहीं भी रुके हो। आप फोन, लैपटॉप, टैबलेट या कोई अन्य डिवाइस का उपयोग करते है तो वीपीएन आपके आईपी एड्रैस को छिपा देता है। VPN आपके द्वारा इंटरनेट पर भेजी और प्राप्त की गई डाटा को एन्क्रिप्ट कर देता है जिससे आपका डेटा एक सुरक्षित टनल के जरिये से वीपीएन सर्विस प्रोवाइडर तक पहुचता है और इसके बाद एन्क्रिप्ट डाटा को उस वैबसाइट पर भेज देता है जिसे आप एक्सैस करना चाहते हैं।
जो व्यक्ति अक्सर यात्रा करते हैं और विभिन्न वाईफाई नेटवर्क का उपयोग करते है तो ऐसे में ऑनलाइन प्राइवेसी के लिए VPN का इस्तेमाल करना चाहिए। ऑनलाइन शॉपिंग करते समय जैसे एयरलाइन टिकट, होटल में ठहरना, सब्सक्रिप्शन सेवाएँ या अन्य चीजें खरीदते समय आपकी लोकेशन के आधार पर कीमतें अलग-अलग हो सकती हैं। वीपीएन के उपयोग से अपने आईपी लोकेशन को बदल कर अच्छी कीमत में डील पा सकते हैं।
वीपीएन का उपयोग कैसे करें (How to Use VPN)
वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का उपयोग करना बहुत आसान है। वर्तमान समय में आप VPN का उपयोग करना चाहते हैं तब आपको ये बातों का ध्यान में रखना होगा –
1 – एक सुरक्षित और विश्वसनीय वीपीएन सॉफ्टवेर डाउनलोड करे।
2 – डिवाइस पर वीपीएन सेटअप करें
3 – वीपीएन सर्वर से कनेक्ट करें
मार्केट में विभिन्न वीपीएन सर्विस उपलब्ध हैं परंतु प्रत्येक के अपने फायदे और नुकसान हैं। वीपीएन का सेटअप करने पहले किसी ऐसे वीपीएन सर्विस प्रोवाइडर का चुनाव करे जो आपको सुरक्षित और विश्वसनीय वीपीएन सर्विस देता हो। वीपीएन चुनने के बाद, उस वीपीएन प्रोवाइडर का सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें और सॉफ्टवेर इंस्टॉल करें। इसके बाद इसे अपने डिवाइस पर कॉन्फ़िगर करे। ये कॉन्फ़िगरेशन प्रत्येक वीपीएन सर्विस के लिए महत्वपूर्ण होता हैं जिसमे आपको कुछ जानकारी भरनी पड़ती हैं। कॉन्फ़िगर होने के बाद अपना क्रेडेंशियल दर्ज करें अब आप “कनेक्ट” बटन पर क्लिक करके अपने वीपीएन सर्वर से कनैक्ट कर सकते हैं अब आप सुरक्षित रूप से ब्राउज़ करने के लिए तैयार हैं।
Advantage and Disadvantages of VPN in Hindi
वर्तमान समय में आप VPN उपयोग करतें है तब इसके लाभ और हानि दोनो है, इसके निम्न लाभ और हानि हैं–
वीपीएन के फायदे (Advantage of VPN in Hindi)
• प्राइवेसी मजबूत होता है, आपको डेटा लीक होने का खतरा नही रहता हैं।
• सिक्योरिटी की सुविधा मिलता है आसानी से आप किसी भी नेटवर्क प्रणाली में जा सकते हैं।
• हाई परफोर्मेंस की सुविधा मिलता है, जिससे सर्वर डाउन होने का खतरा कम हो जाता है। इंटरनेट ट्रैफिक को इनक्रिप्ट किया जाता हैं।
• VPN ISP के द्वारा bypass रिस्ट्रक्शन की सुविधा मिलता हैं।
• आपको इंटरनेट से आजादी मिल जाती है, आप अपने मर्जी से किसी भी साइट को ओपन कर सकते हैं।
• डाटा, स्कैम और अन्य चीजों की चोरी होने का खतरा शून्य हो जाता हैं।
• हैकिंग की संभावना कम हो जाती हैं।
• यूजर ब्लॉक वेबसाइट में भी आसानी से एक्सेस कर सकता हैं।
वीपीएन के नुकसान (Disadvantage of VPN in Hindi)
• VPN का उपयोग करने से यूजर की पहचान इंटरनेट तक नहीं पहुंच पाता है पर लेकिन यूजर का सारा डेटा VPN सर्वर में मौजूद रहता हैं।
• आज के समय में सभी VPN प्रदाता भरोसेमंद नहीं होते हैं, ऐसे में कुछ VPN Provider यूजर के डेटा को किसी तीसरे पक्ष के साथ शेयर करने की संभावना होती हैं।
• आज के समय में सभी भरोसेमंद VPN फ्री नहीं है, और इनका उपयोग करने के लिए आपको पे करने की आवश्यकता होगी।
• कई हैकर भी VPN का उपयोग करते हैं जिससे वह आसानी से अपना पहचान छुपा सकता हैं।
निष्कर्ष: (VPN Kya Hai)
तो दोस्तों जैसा कि आपने इस ब्लॉग में जाना की वीपीएन क्या है (What is VPN in Hindi), वीपीएन के प्रकार, यह कैसे काम करता है, इसके फायदे और नुकसान आदि।
वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) आपको बेहतर सुरक्षा और प्राइवेसी के साथ वेब सर्वर को एक्सेस करने में मदद करता हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन सी वेबसाइट या वेब पेज देखना चाहते हैं। वैसे विभिन्न तरह की वीपीएन सेवाएँ उपलब्ध हैं, इसलिए जरूरी है कि आप एक ऐसे अच्छे VPN को चुनाव करें जो आपकी आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करता हो।
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